Chandigarh Mayor Election
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI ने बैलट पेपर मंगवाए, अनिल मसीह ने निशान लगाने की बात कबूली

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में फर्जीवाड़े को लेकर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार अहम सुनवाई हुई. इस बीच मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने अवैध किये गए 8 बैलट पेपरों पर निशान लगाने की बात कबूली. अब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बैलट पेपर मंगवाए है. सीजेआई ने आदेश देते हुए कहा है कि, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखे गए बैलट पेपर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए जाएं। बैलट पेपर सुप्रीम कोर्ट पहुंचाने के लिए किसी अधिकारी को नामित किया जाए और उसके द्वारा बैलट पेपर पहुंचाने की पर्याप्त सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार दोपहर को तय की गई है.

हम खुद देखेंगे, कैसे अवैध कर दिए 8 बैलट पेपर

सीजेआई ने टिप्पणी की कि यह एक गंभीर मामला है। अब हम बैलट पेपर खुद देखेंगे और जांच करेंगे कि क्या वे 8 बैलट पेपर अवैध किये जा सकते हैं। जो अवैध घोषित किए गए हैं। सीजेआई ने कहा कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कल भी कोर्ट में मौजूद रहना होगा। वहीं सीजेआई ने पार्षदों-विधायकों की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। सीजेआई ने कहा कि जो खरीद-फरोख्त हो रही है, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं।

अनिल मसीह पर मुकदमा चलाने की बात

माना जा रहा है कि, मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि CJI ने आज की सुनवाई में एक बार फिर से मुकदमा चलाने की बात कही है. सीजेआई ने अनिल मसीह से जवाब तलब करते हुए कहा- मिस्टर मसीह, हम आपसे सवाल पूछ रहे हैं। यदि आप सच्चा उत्तर नहीं दे रहे हैं तो आप पर मुकदमा चलाया जाएगा। यह एक गंभीर मामला है। हमने आपका वीडियो देखा है। वीडियो से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आप कुछ बैलट पेपरों पर पर एक्स का निशान लगा रहे थे। क्या आपने बैलट पेपरों पर क्रॉस चिह्न लगाए हैं? आपने कितने बैलेट पेपर पर क्रॉस के निशान लगाए और क्यों लगाए?

CJI के सवाल पर मसीह ने जवाब देते हुए कहा- हां मैंने 8 बैलट पेपरों पर क्रॉस चिह्न लगाए थे। क्योंकि मतदान के बाद मुझे उन बैलट पेपरों पर चिन्ह लगाना था जो अवैध हो गए थे, उन्हें अलग करना था। उन्हें चिन्हित करने के लिए मैंने निशान लगाए। ताकि उनमें गड़बड़ी न हो। इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको केवल हस्ताक्षर करने थे। आपने किस अधिकार से निशान लगाए। नियमों में यह कहां प्रावधान है कि आप बैलट पेपरों में अन्य चिह्न लगा सकते हैं? इसलिए आप बताइये कि बैलेट पेपर को ख़राब क्यों कर रहे थे? इस बीच मसीह ने सीजेआई को बताया कि कई बैलट पेपर उम्मीदवारों ने छीन लिए और विकृत कर दिये। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि आप चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। मुकदमा चलाना होगा।

चुनाव दोबारा नहीं, मौजूद बैलट पेपरों की गिनती कर रिजल्ट घोषित किया जाए

वहीं CJI ने कहा कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय मौजूदा बैलट पेपरों पर पीठासीन अधिकारी द्वारा लगाए गए निशानों को नजरअंदाज करते हुए उन बैलट पेपरों की गिनती करके नतीजे घोषित किए जाएं। हम डिप्टी कमिश्‍नर को आगे की प्रक्रिया के लिए एक नया पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश देंगे, जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो। इस प्रक्रिया की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक रूप से की जानी चाहिए। लेकिन इससे पहले हम खुद बैलट पेपर एक बार देखना चाहते हैं।

दरअसल याचिकाकर्ता वकील ने कहा था कि क्या पीठासीन अधिकारी के निशान से बैलट पेपर अवैध हो जाएंगे? क्या नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय, निशानों की परवाह किए बिना वर्तमान बैलट पेपरों की गिनती नहीं की जा सकती है। इस बीच बीजेपी के वकील ने CJI से कहा कि याचिका पुनः चुनाव के लिए थी। ऐसा नहीं किया जा सकता है।

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